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Tuesday, September 23, 2014

5 tests to diagnose heart diseases


1.Echocardiogram

Helps check heart’s pumping efficiency and functioning of the valve. It is reasonable for heart risk assessment in asymptomatic adults with hypertension or diabetes. It is not recommended for asymptomatic adults without the conditions.

2.Thalium stress test
It is a nuclear imaging method that shows how well blood flows into the heart muscle, both at rest and during activity. It involves injecting radioactive isotope.

3. Electrocardiogram

It checks heart’s electrical system and rhythm. Finds out if chest pain is caused by a heart attack or angina. Rs . 300- 500. Patients who are asymptomatic and do not have an emergency condition should be fi rst screened for blood parameters and ECG rather than putting them through costlier tests.

4. Exercise stress test

It is a screening tool used to test the effect of exercise on the heart. Doctors often combine it with regular ECG monitoring to follow electrical activity of the heart during the test for better results. Cardiologists say this is the most cost-effective test to assess heart risk in patients who come with unexplained chest pain or breathing difficulty. It does not involve exposure to any radiation.

5. Blood test
It’s the simplest tool to screen a patient for blood parameters such as lipid level and cholesterol that increase heart risk.


To get fit and fine 
to live healthy and shine,
do exercise and walk in the morning 
keep away from smoking and wine..

just chill the life 
keep smile and give smile 
cheers with happiness. :) 

Sunday, May 9, 2010

कसाब.... फ़ाँसी... सिस्टम.... बेबसी....

भारतीय न्याय व्यवस्था में एक रिकॉर्ड .....

कसाब... एक आतंकी ...

सबूत जगजाहिर... मरने वाले तकरीबन 160... 600 गवाह...

सबकी मांग एक.... कसाब को फ़ाँसी...

एक साल में फैसला.... एक एहसास, एक विस्वास न्याय व्यवस्था पर....

चेहरे पर झलकती खुशी....

पर एक संशय... एक उदासी ...

उन चेहरों पर जो खो चुके अपनों को...

खो गये उनकी यादों में... याद आने लगा वो पल...

वो मंजर .... जो कभी गुजरा था उन आखों से...

पूछती हैं वो बेबस निगाहें... वो सुबह कब आयेगी!! ...

कब वो दिन कब आयेगा जब न्यायिक फैसला अपने अंजाम तक पहुँचेगा...

निगाहें डूब जाती हैं आंसुओं के सागर में..

दिल को तसल्ली देकर.... वो सुबह कभी तो आयेगी....

Wednesday, September 16, 2009

हिन्दी की टांग तोड़ते ये अनुवादक

*****हिन्दी की टांग तोड़ते ये अनुवादक *****

अनुवादक का काम होता है मूल लेख का अनुवाद करना. लेकिन अनुवादित बिषय का अर्थ ही बदल जाये तो क्या कहेंगे. ऐसा ही कुछ हुआ मशीन अनुवदित कुछ लेखों में. मशीन अनुवादक अंग्रेजी शब्दों का अनुवाद मात्र करता है जिससे मूल लेख का भावार्थ बदल जाता है. समझ पाना टेड़ी खीर है.

लेख के अंत में लिखा है मशीन अनुवादित शब्दों में

मशीन अनुवाद एक स्वचालित सेवा द्वारा और अनुवाद की सटीकता प्रदान कर रहे हैं नहीं मानव अनुवाद के मानकों करने के लिए कर रहे हैं.  मशीन अनुवाद छोटे या नहीं अंग्रेजी कौशल के साथ लोगों द्वारा उपयोग के लिए प्रदान की जाती हैं.  हम जानते हैं कि लोगों को अंग्रेजी में बल्कि तो मशीन पृष्ठों का अनुवाद अंग्रेजी पृष्ठों का उपयोग प्रवीण की सलाह देते हैं.

इस वेबसाइट के एक लेख से कुछ शब्द

अपने बिजली के मिश्रक, या एक हाथ मिश्रक साथ के कटोरे में, मलाई मक्खन और चीनी मिनट प्रकाश और (2 - 3 फुज्जीदार तक).  जब तक शामिल अंडा और वेनिला निकालने और हरा जोड़ें. शामिल जब तक कद्दू प्यूरी में मारो (इस बल्लेबाज इस बिंदु पर) curdled दिखेगा.  धीरे धीरे, केवल संयुक्त जब तक मिश्रण में आटा मिश्रण जोड़ें. में हिलाओ को काट और सूखे cranberries पेकान toasted.  इस पैन और के बारे में 30 के लिए सेंकना - 35 मिनट या एक दन्तखुदनी सलाखों के केंद्र में प्रवेश कराया तक तैयार में बल्लेबाज फैलाओ बाहर साफ आता है. ओवन और जगह से शांत करने के लिए एक तार रैक पर निकालें. 16 में काट - 2 इंच (5 सेमी) सलाखों.

ऐसी ही एक और वेबसाइट देखने को मिली जिसको यहाँ देखा जा सकता है. ऐसी कितनी ही वेबसाइट है जिनको मशीन अनुवादक की सहायता से वांछित भाषा में देखा और पढ़ा जा सकता है. इस तरह के अनुवाद से जानकारी लेने वाला क्या समझेगा, मेरी समझ से बाहर की बात है.

Saturday, September 5, 2009

अंतहीन इंतजार

*****अंतहीन इंतजार******


वो बूढ़ी निगाहें तलाश रही एक आशियाना,
अपनों से दूर अपनों की तलाश में ।
एक अंतहीन इंतजार में॥



कामोद

Wednesday, September 2, 2009

मौजा ही मौजा: देखा है ऐसा कभी

  ***** मौजा ही मौजा: देखा है ऐसा कभी*****

 

वाशिंग मशीन टोइलेट: कभी देखा है वाशिंग मशीन का ऐसा सदुपयोग.

अण्डरबैड टी.वी.: टी.वी. अब आपके खटिया में. इसे खटिया के नीचे डाला जा सकता है. मौज़ा ही मौज़ा.

सिगरेट मोबाईल: चाइना का बना यह मोबाइल देखने में सिगरेट के पेकिट की तरह लगता है.

चेतावनी सूचक घड़ी: घड़ी जो बताती है कि आपने ज्यादा पी ली है. और पियोगे तो मर जाओगे.

depressing-watch

सबसे महंगा फेशियल: इस फेशियल में 24 कैरेट सोने प्रयोग किया जाता है.

gold-facial

ईको-फ्रेंडली गाड़ी: 4 लोगों के लिए डिजाइन गैस से चलने वाली यह गाड़ी ईको-फ्रेंडली है.

amazing-gas-mileage

स्रोत: गूगल सर्च

Monday, December 1, 2008

नो केस, नो चार्जशीट. हैंग टिल डैथ.

*****नो केस, नो चार्जशीट.  हैंग टिल डैथ.*****

मुंबई पर हमला करने वाले आतंकियों में से जिंदा पकड़ा गया मोहम्मद अजमल उर्फ मोहम्मद अमीर कसब अब खाना खाने से इनकार कर रहा है. वह पुलिस से अब खुद को मार दिए जाने के untitled लिए गिड़गिड़ा रहा है.  पुलिस उससे पूछताछ करने की कोशिश कर रही है.

क्यूँ नहीं इस समय पर ऐसे आतंकी का नारको टैस्ट और लाई डिटेक्टर टैस्ट  किया जाता. जबकि मांलेगाँव धमाके में पकड़े गये आरोपियों का और आरूषि हत्याकांड में पकड़े गये आरोपी कृष्णा का नारको टैस्ट और लाई डिटेक्टर टैस्ट बिना न्यायिक अनुमति के किया जाता है.

इस तरह के आपराधिक मामले के आरोपीयों, जो सीधे पकड़े गये और जिन पर आरोप सिद्ध करने जैसी बाध्यता नहीं होनी चाहिए, को त्वरित कार्यवाही करते हुए बिना किसी संकोच के सजाए मौत दे देनी चाहिए. नो केस, नो चार्जशीट.  हैंग टिल डैथ. कही ऐसा ना हो कि ये भी अफ़ज़ल गुरू जैसा केस बन कर रह जाये!!!

ऐसे संवेदनशील बिषय पर हमारे राजनेता अपनी राजनितिक रोटियाँ सेकने का काम करते आये है. आरोप-प्रत्यारोप, बयानबाजी करना तो पुरानी बात हो गयी है. जब सांसदों की सेलरी बड़ाने की बात आती है तो सब एक साथ खड़े नज़र आते हैं. राष्ट्रीय एकता की बात सभी करते हैं. पर जब कठोर कानून बनाने जैसी बात आती है तो बहस शुरू हो जाती है. जब आपको पता है कि पकड़ा गया व्यक्ति आतंकवादी ही है तो वहाँ बहस करने की जरूरत क्यूँ पड़ती है? क्यूँ सज़ा पाने के बाद भी अफ़ज़ल गुरु आज जिन्दा है. और भी ना जाने कितने मामले हैं जो हम भूल जाते हैं.  न्यायिक व्यवस्था को बदलना होगा ताकि मामले सालों तक ना खिंचे और अपराधी का राम नाम सत्य हो जाये!!

Friday, November 28, 2008

कहाँ गये राज ठाकरे अब!!!

*****कहाँ गये राज ठाकरे अब!!!*****

देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई पर आतंकियों का अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ. ताज और ओबेरॉय सहित 10 से ज्यादा जगहों को निशाना बनाया गया. जिसमें 100 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां बैठे. इसी आतंकी हमले से लोहा लेते हुए ए.टी.एस. प्रमुख हेमंत करकरे  सहित 14 जाबांज सिपाही शहीद हो गये. ऐसे ज़ांबाज़ सिपाहियों को सलाम.mt

इस हमले से मुम्बई का जनजीवन ठप सा हो गया. स्कूल, कॉलेज, ऑफिस सभी बन्द कर दिये गये. सेबी ने शेयर मार्केट भी बन्द कर दिया. कभी ना सोने और रूकने वाली मुम्बई ठहर गई. विदेशी सैलानियों पर डर और खौफ आसनी से देखा जा सकता था. इंगलैंड की क्रिकेट टीम बीच में ही वापस जाने लगी.

इस आतंकी हमले के बाद नेताओं के बयान आने स्वभाविक थे. कई सम्माननीय नेताओं ने मुम्बई का दौरा किया. पर जिस नेता की टिप्पणी आने का इंतजार था वो पता नहीं कहाँ गायब हो गया. कुछ महिनों पहले मुम्बई और देश को भाषा और क्षेत्र के नाम पर बाँटने वाले और मुम्बई में उत्तर भारतीयों के खिलाफ आग उगलने वाले राज ठाकरे इस समय कहाँ गये.  कहाँ गये मनसे के कार्यकर्ता. कोई प्रतिक्रिया नहीं आई उनकी ओर से जो मुम्बई को अपनी जागीर बताते थे. जबकि राज ठाकरे जो जेड सुरक्षा दी गई है.ये बड़ी विडम्बना की बात है कि देश को बाँटने की बात करने वाले को इतना बडा सुरक्षा घेरा दिया गया है.

आखिर क्यूँ और कैसे भारत में आतंकी बड़ी आसानी से प्रवेश कर जाते हैं?. मेरा मानना है कि राजनीति और भ्रस्टाचार इसके लिए दोषी है. अगर आप यहाँ कोई गलत काम करते हैं और गलती से पकड़े जाते हैं तो आप लेन-देन के माध्यम से आसानी से बच सकते हैं.  

राजनीति और विशेषकर वोट की राजनीति ने कड़े फैसले लेने से हमेशा रोका है. संसद पर हमले के दोषी पाये गये अफज़ल गुरु को फाँसी की सज़ा दिये जाने के बाद भी आज वो जिन्दा है. आखिर क्यूँ?? क्युँ नहीं भारत में अमेरिका की तरह कडे फैसले लेने का साहस है? क्यूँ भारत में देश की सुरक्षा के नाम पर खिलवाड़ होता है जबकि अमेरिका में सुरक्षा के लिए भारत के रक्षा मंत्री के कपड़े उतारने से भी परहेज नहीं किया जाता है. क्यूँ भारत में वोट की राजनीति खेली जाती है जबकि अमेरिका विरोध के बाद भी इराक के राष्ट्रपति को  फ़ाँसी दे दी जाती है.? 

Sunday, November 16, 2008

हमारा हाईटैक समाज

***** हमारा हाईटैक समाज*****

हम और हमारा समाज आज हाईटैक हो गया है. यह बात हर जगह देखी जा सकती है.

नेता हाईटैक हो गये हैं- 2 घंटे में गैर जमानती वारंट में जमानत मिल जाती है. untitled

महंगाई हाईटैक हो गई है- महंगाई दर कम होने पर भी महंगाई कम नहीं होती है.

आतंकवाद हाईटैक हो गया है- आतंकवाद अब हिन्दू और मुस्लिम हो गया है. हथियार तो पहले से ही थे.

टेकनोलॉजी हाईटैक हो गई है- अब प्रेमी अपनी प्रेमिका से चॉद को तोड़ लाने की नहीं चॉद पर रहने की बात करते हैं.

बच्चे हाईटैक हो गये हैं- बिना मोबाईल के स्कूल नहीं जाते हैं.

शिक्षा अब हाईटैक है- बिना कम्प्युटर के पढ़ाई नहीं हो पाती है.

चिकित्सा हाईटैक है- डॉक्टर विडिओ कांफ्रेंसिंग में चिकित्सा दे रहे हैं.

तनाव हाईटैक हो गया है- अब लोग तनाव में सीधे गोली-बारूद से बात करते हैं या फिर अपने आप को इनके हवाले कर देते हैं.

भिखारी भी हाईटैक हि गये हैं- जेब में मोबाईल रखते हैं और में 5-10 रूपये से कम नहीं लेते हैं.

भीख मांगने का तरीका हाईटैक हो गया है- अब भीख भी पर्चे बाटकर मांगी जाती है.

चुनाव प्रचार हाईटैक हो गये है- अब एस.एम.एस. और ई-मेल के माध्यम से जनता तक पहुँचा जा रहा है. 

आज के टेक्नोयुग में हमारी जीवन शैली बदल गई है. जीवन को सोचने, समझने, देखने, और जीने का अन्दाज़ बदल गया है. इन सबके बीच हम अपने भोलेपन को खो रहे हैं. प्रतिस्पर्धा की गति बड़ी है. स्वार्थ भावना बड़ी है. तनाव बड़ा है. अशांति बड़ी है. जीवन को पाने के लिए कहीं हम जीवन को खो रहे हैं.

Sunday, September 28, 2008

श्रद्धांजली-अब के बरस तुझे ...

*****श्रद्धांजली-अब के बरस तुझे ... *****

 

संगीत और सिनेमा जगत में अपनी अद्भुद आवाज की खनक के लिए महेन्द्र कपूर प्रसिद्ध रहे. उनके गाये देशभक्ति के गाने आज भी जोश पैदा कर देते हैं. तन-मन देशभक्ति से ओत-प्रोत हो जाता है. 74 साल के आवाज के इस हँसी जादूगर का कल देहांत हो गया. कुछ वक्त पहले वह गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे और उनका डायलिसिस चल रहा था. 

महेन्द्र कपूर ने बी.आर.चोपड़ा की इन फिल्मों में विशेष रूप से यादगार गाने गाए - हमराज़, ग़ुमराह, धूल का फूल, वक़्त, धुंध . संगीतकार रवि ने इनमें से अधिकाश फ़िल्मों में संगीत दिया. 1968 में उपकार के बहुचर्चित गीत मेरे देश की धरती सोना उगले के लिए सर्वश्रेष्ठ पा‌र्श्व गायक का पुरस्कार मिला था. इस महत्वपूर्ण सम्मान के अलावा उन्हें 1963 में गुमराह के गीत चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएं के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था. बाद में एक बार फिर 1967 में हमराज के नीले गगन के तले के लिए भी उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार मिला. उनके जीवन का तीसरा फिल्म फेयर पुरस्कार रोटी कपड़ा और मकान के नहीं नहीं और नहीं के लिए 1974 में मिला। बाद में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें लता मंगेशकर पुरस्कार के लिए चुना था तथा 24 अक्टूबर को उन्हें यह पुरस्कार दिया जाने वाला था.

9 जनवरी, 1934 को जन्में महेंद्र कपूर ने 1953 की फिल्म ‘मदमस्त’ के साहिर लुधियानवी के गीत ‘आप आए तो खयाल-ए-दिल-ए नाशाद mm आया’ से उन्होंने फिल्मी कैरियर की शुरुआत की थी.  महेंद्र कपूर ने क्लासिकल, कव्वाली, भजन, रोमांटिक और सुफियाना, हर तरह के गीत गाए। उन्हें देशभक्तिपूर्ण गीतों के लिए खासतौर पर पहचाना जाता था। मनोज कुमार की लगभग हर फिल्म में उन्होंने आवाज दी।

राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड१९६८ उपकार फिल्म के मेरे देश की धरती सोना गीत के लिए सर्वश्रेष्ट गायक के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरूस्कार दिया गया. १९६३ में चलो एक बार फिर से के लिए बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर के लिए फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया. १९६७ मे हमराज फिल्म के गीत नीले गगन के तले के लिए बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवार्ड दिया गया. १९७४ नहीं नहीं बस और नहीं गीत के लिए बेस्ट मेलप्ले बैक सिंगर का अवार्ड दिया गया.

महेन्द्र कपूर कुछ प्रसिद्ध गीत

नीले गगन के तले mm1: हमराज १९६७

चलो एक बार : गुमराह १९६३

किसी पत्थर की मुरत से : हमराज १९६७

लाखों हैं यहा दिलवाले : किस्मत १९६८

और नहीं बस और नहीं : रोटी कपड़ा और मकान १९७४

भारत का रहने वाला हूं : पूरब और पश्चिम १९७३

फकीरा चल चला चल : फकीरा १९७५

बदल जाए अगर माली : बहारें फिर भी आएगी १९६६

मेरा प्यार वो है : ये रात फिर ना आएगी १९६५

तेरे प्यार का आसरा : धूल का फुल १९५९

Monday, September 15, 2008

मेरी मर्जी

***** मेरी मर्जी*****

आखिर लोग क्यूँ नहीं सुधरते? कितना कहा जाये, या लिखा जाये या कुछ भी किया जाये लोग आखिर नहीं मानते. यह सब वैसा ही है जैसा देश का कानून और नियम. बनते हैं पर फाइल तक सीमित. जगह जगह इस तरह के इस्तिहार लगे रहते हैं पर सिर्फ लिखने के लिए. आखिर अपनी मर्जी भी कुछ होती है.

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चित्र साभार यहाँ से लिया गया है.

Sunday, August 31, 2008

Friday, July 18, 2008

आह ड्राईविंग वाह ड्राईविंग- मस्त ड्राईविंग

*****आह ड्राईविंग वाह ड्राईविंग- मस्त ड्राईविंग ******

Saturday, May 17, 2008

औरत का एक चेहरा ऐसा भी --पहचान लें

*****औरत का एक चेहरा ऐसा भी --पहचान लें *****


गुलाबी शहर को लाल करने वाले अपराध, हिंसा, दहशत और आतंकवाद फैलाने में सफल हो गये. पीछे रह गया तो शोक , दुख: और बदले की भावना. क्या इन दुखी परिवारों में से कोई द्वेष और बदले के लिए एक नया आतंकवादी का जन्म तो नहीं होगा। इंटेलीजेंस ने इन हमलों के लिए एक संदिग्ध महिला का स्केच जारी किया है। औरत के अनेक रूप होते हैं माँ, बहन , बेटी, पत्नी, देवी ......... पर अब आतंकवादी भी हो गयी.
सरकार और कई अन्य संगठन महिलाओं को आरक्षण देने और समानता के अधिकार के लिये कोशिश कर रहे हैं पर समानता का अधिकार वो भी इस क्षेत्र में!!! अगर यहाँ भी आरक्षण की मांग होने लगी तो क्या होगा!!! ऐसा ना ही हो तो अच्छा है।
नोट: इससे ये ना समझा जाये कि मैं महिलाओं के आरक्षण या उनके अधिकारों का विरोधी हूँ।

Thursday, May 15, 2008

लक्ष्मी मित्तल को फोर्ब्स लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड


दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी आर्सेलर मित्तल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी लक्ष्मी निवास मित्तल को ‘मैल्काम एस. फोर्ब्स लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया जाएगा।
मित्तल को यह सम्मान 8 से 10 सितंबर के दौरान सिंगापुर में होने वाली 'द फोर्ब्स ग्लोबल सीईओ कांफ्रेंस' के दौरान दिया जाएगा। इस सम्मेलन में दुनिया भर के अनेक धनी और प्रभावशाली व्यापारी इकठ्ठे होंगे।


भारतीय मूल के विश्वविख्यात स्टील व्यवसायी लक्ष्मी निवास मित्तल लगातार चौथे वर्ष ब्रिटेन के सबसे अमीर नागरिक बने हुये है। भारतीय मूल के ब्रिटिश अरबपति स्टील व्यवसायी का जन्म 15 जून 1950 को चुरू, राजस्थान के सादुलपुर में हुआ था।

लंदन टाइम्स में वर्ष 2008 के सर्वाधिक धनी लोगों की आज जारी होने वाली सूची में श्री मित्तल का नाम सबसे ऊपर है जबकि भारतीय मूल के हिन्दुजा बन्धुओं को चौथा स्थान दिया गया है।
मित्तल परिवार की संपत्ति 2770 करोड़ पाउण्ड की आंकी गई है जबकि पिछले वर्ष यह आंकडा सिर्फ 192.5 करोड पाउण्ड था। उनकी दुनिया की सबसे बडी स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल 11 करोड़ टन इस्पात बनाती है जो विश्व बाजार का दस प्रतिशत है।