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Sunday, October 23, 2011

Some amazing but realistic pictures...


Some amazing but realistic pictures...

Just chill ...













Wednesday, September 2, 2009

मौजा ही मौजा: देखा है ऐसा कभी

  ***** मौजा ही मौजा: देखा है ऐसा कभी*****

 

वाशिंग मशीन टोइलेट: कभी देखा है वाशिंग मशीन का ऐसा सदुपयोग.

अण्डरबैड टी.वी.: टी.वी. अब आपके खटिया में. इसे खटिया के नीचे डाला जा सकता है. मौज़ा ही मौज़ा.

सिगरेट मोबाईल: चाइना का बना यह मोबाइल देखने में सिगरेट के पेकिट की तरह लगता है.

चेतावनी सूचक घड़ी: घड़ी जो बताती है कि आपने ज्यादा पी ली है. और पियोगे तो मर जाओगे.

depressing-watch

सबसे महंगा फेशियल: इस फेशियल में 24 कैरेट सोने प्रयोग किया जाता है.

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ईको-फ्रेंडली गाड़ी: 4 लोगों के लिए डिजाइन गैस से चलने वाली यह गाड़ी ईको-फ्रेंडली है.

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स्रोत: गूगल सर्च

Saturday, December 27, 2008

चित्र पहेली- माथापच्ची शुरू!!!

*****चित्र पहेली- माथापच्ची शुरू!!!*****

pp

इस फल का क्या नाम है.?

एकदम आसान पहेली है. उत्तर कल को यहीं पर मिलेगा.

चलिए दिमाग लड़ाईये भी !!..

Friday, November 28, 2008

कहाँ गये राज ठाकरे अब!!!

*****कहाँ गये राज ठाकरे अब!!!*****

देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई पर आतंकियों का अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ. ताज और ओबेरॉय सहित 10 से ज्यादा जगहों को निशाना बनाया गया. जिसमें 100 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां बैठे. इसी आतंकी हमले से लोहा लेते हुए ए.टी.एस. प्रमुख हेमंत करकरे  सहित 14 जाबांज सिपाही शहीद हो गये. ऐसे ज़ांबाज़ सिपाहियों को सलाम.mt

इस हमले से मुम्बई का जनजीवन ठप सा हो गया. स्कूल, कॉलेज, ऑफिस सभी बन्द कर दिये गये. सेबी ने शेयर मार्केट भी बन्द कर दिया. कभी ना सोने और रूकने वाली मुम्बई ठहर गई. विदेशी सैलानियों पर डर और खौफ आसनी से देखा जा सकता था. इंगलैंड की क्रिकेट टीम बीच में ही वापस जाने लगी.

इस आतंकी हमले के बाद नेताओं के बयान आने स्वभाविक थे. कई सम्माननीय नेताओं ने मुम्बई का दौरा किया. पर जिस नेता की टिप्पणी आने का इंतजार था वो पता नहीं कहाँ गायब हो गया. कुछ महिनों पहले मुम्बई और देश को भाषा और क्षेत्र के नाम पर बाँटने वाले और मुम्बई में उत्तर भारतीयों के खिलाफ आग उगलने वाले राज ठाकरे इस समय कहाँ गये.  कहाँ गये मनसे के कार्यकर्ता. कोई प्रतिक्रिया नहीं आई उनकी ओर से जो मुम्बई को अपनी जागीर बताते थे. जबकि राज ठाकरे जो जेड सुरक्षा दी गई है.ये बड़ी विडम्बना की बात है कि देश को बाँटने की बात करने वाले को इतना बडा सुरक्षा घेरा दिया गया है.

आखिर क्यूँ और कैसे भारत में आतंकी बड़ी आसानी से प्रवेश कर जाते हैं?. मेरा मानना है कि राजनीति और भ्रस्टाचार इसके लिए दोषी है. अगर आप यहाँ कोई गलत काम करते हैं और गलती से पकड़े जाते हैं तो आप लेन-देन के माध्यम से आसानी से बच सकते हैं.  

राजनीति और विशेषकर वोट की राजनीति ने कड़े फैसले लेने से हमेशा रोका है. संसद पर हमले के दोषी पाये गये अफज़ल गुरु को फाँसी की सज़ा दिये जाने के बाद भी आज वो जिन्दा है. आखिर क्यूँ?? क्युँ नहीं भारत में अमेरिका की तरह कडे फैसले लेने का साहस है? क्यूँ भारत में देश की सुरक्षा के नाम पर खिलवाड़ होता है जबकि अमेरिका में सुरक्षा के लिए भारत के रक्षा मंत्री के कपड़े उतारने से भी परहेज नहीं किया जाता है. क्यूँ भारत में वोट की राजनीति खेली जाती है जबकि अमेरिका विरोध के बाद भी इराक के राष्ट्रपति को  फ़ाँसी दे दी जाती है.? 

Monday, September 15, 2008

मेरी मर्जी

***** मेरी मर्जी*****

आखिर लोग क्यूँ नहीं सुधरते? कितना कहा जाये, या लिखा जाये या कुछ भी किया जाये लोग आखिर नहीं मानते. यह सब वैसा ही है जैसा देश का कानून और नियम. बनते हैं पर फाइल तक सीमित. जगह जगह इस तरह के इस्तिहार लगे रहते हैं पर सिर्फ लिखने के लिए. आखिर अपनी मर्जी भी कुछ होती है.

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चित्र साभार यहाँ से लिया गया है.

Saturday, September 6, 2008

चित्र पहेली- जरा बताओ तो सही

*****चित्र पहेली- जरा बताओ तो सही *****

इस चित्र में दिखने वाली चीज़ बहुत ही मशहूर है और लगभग सभी घरों में पायी जाती है.

इस पेड़ से कौन सी मशहूर चीज़ की पैदावार होती है। हिंट इसमें दिखने वाले छोटे-छोटे बीज हैं

Sunday, August 31, 2008

Tuesday, August 26, 2008

व्यंग- दोस्ती हो तो ऐसी

***** व्यंग- दोस्ती हो तो ऐसी*****



Friday, August 22, 2008

चित्र पहेली- जरा पहचाने तो सही.

*****चित्र पहेली- जरा पहचाने तो सही*****

 

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हिंट यह है कि इसको देखने से सब कुछ याद आ जाता है...

Monday, July 21, 2008

चित्र पहेली- बताओ हम कौन और कितने हैं..

*****चित्र पहेली- बताओ हम कौन और कितने हैं..*****

 

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Saturday, July 12, 2008

चित्र पहेली–क्या हैं ये चीज़ें

*****चित्र पहेली–क्या हैं ये चीज़ें*****


अपने-अपने क्षेत्र में ये दोनों मशहूर हैं। ...
क्या नाम है इनका.....



Monday, June 30, 2008

केक्टस (नागफनी) - कविता


लोग मुझे हैं दुत्कारते
दाना-पानी नहीं खिलाते,
घर में सबसे दूर बैठाते
काँटों का राजा मुझे बतलाते।

पर मैं करता काम भलाई
रखता उनसे दूर बुराई,
फिर क्यूँ मुझको दुत्कार लगाई
ये बात भैया समझ न आई।

सताती गरमी
रूलाता पानी,
बातें करता हूँ खुद से
याद आती अपनी कहानी।

नाम राशि एक जीव है मेरा
नहीं हमारा एक बसेरा,
नाग वो तो फनी है मेरा।

कल की चित्र पहेली का उत्तर है नागफनी (cactus)

Sunday, June 29, 2008

चित्र पहेली– इस फूल को क्या नाम दें..

*****चित्र पहेली– इस फूल को क्या नाम दें..*****

अब इस फूल को किस नाम से जानते हैं आप!!! बताईये तो सही....

Friday, June 27, 2008

एस. बी. आई. मे क्लर्क राष्ट्रपिता


है ना आश्चर्य वाली बात .
पर है १६ आने सच . कैसे आप ख़ुद ही देख ले ....
ये है विशेष प्रस्ताव देश के अग्रणी बैंक का राष्ट्रपिता के लिए...
फोटो आभार - नवभारत टाईम्स

Tuesday, June 24, 2008

चित्र पहेली का– फल (उत्तर)

***** चित्र पहेली का– फल (उत्तर) *****

कल की चित्र पहेली में जागरूक पाठकों ने बुद्धिकौशल का परिचय देते हुए विभिन्न नाम से पहेली को बताया। लीची, गुलाब जामुन, चेरी, आलूबुखारा...यहाँ तक कि डायनासोर के अण्डे भी....

पर पहली बाज़ी मारी अभिषेक आन्नद ने. बहुत उधेड़बुन के बाद समीर जी ने भी सही निशाने पर तीर लगाया वो भी इसके बैज्ञानिक नाम के साथ...
आप सभी को बधाई......

इस पहेली का सही उत्तर काफल है जिसका बैज्ञानिक नाम Myrica Esculenta है. काफल गहरे लाल रंग का फल होता है जो मार्च-अप्रेल के महिने में पकता है. इसे नमक-तेल लगाकर खाने का अपना ही मज़ा है.

काफल के बारे में उत्तराखंड के लोक कवि गुमानी ने अपनी कविता में कुछ इस तरह कहा है -

खाणा लायक इन्द्र का , हम छियाँ भूलोक आई पड़ाँ।
पृथ्वी में लग यो पहाड़ हमारी थाती रचा दैव लै॥
योई चित्त विचारी काफल सबै राता भया क्रोध लै।
कोई बुड़ा ख़ुड़ा शरम लै काला धुमैला भया॥

काफल से जुड़ी एक लोक कथा जो मैने सुनी है कुछ इस तरह है. ...

एक पहाडी के समीप वाले गाँव में एक औरत अपने बेटे के साथ रहती थी. उनके पास धन की कमी होने के कारण वह जंगल के फल खाकर ही अपना जीवन निर्वाह करते थे. वह औरत बडा ही कठिन परिश्रम करती थी, लेकिन किसी पर भी यकीन नही करती थी. एक दिन वह जंगल से रसीले काफल के फल तोडकर लाई. उन काफलों को जंगली पक्षियों से बचाने के लिये अपने बेटे से उन काफलों से भरी टोकरी की देखभाल करने के लिये कहा और खुद खेतों में काम करने चली गयी. रसीले काफल देखकर बच्चे का मन काफल खाने को ललचाया, लेकिन अपनी माँ के डर से उसने एक भी दाना नहीं खाया.

वह औरत जब शाम को खेतों से थकी हुई घर पहुँची तो काफल धूप से थोडा सूख गये थे, जिससे उनकी मात्रा कम लग रही थी. यह देख कर औरत को गुस्सा आ गया, उसको लगा कि बच्चे ने टोकरी में से कुछ काफल खा लिये हैं. उसने गुस्से में एक बडा पत्थर बेटे की तरफ फेंका जो बच्चे के सिर पर लगा और बच्चा वहीं मर गया. वो फल बाहर ही पडे रहे, औरत दूसरे दिन फिर जंगल गयी. जब वह वापस आयी तो काफल बारिश में भीग कर फूल गये थे, और टोकरी भरी हुयी दिखने लगी. तब उस औरत को अपनी गलती का अहसास हुआ. अपनी नासमझी के कारण उसने अपना प्यारा सा बेटा मार दिया था.

कहते हैं कि वह बच्चा “घुघुती” पक्षी बन कर अमर हो गया. इन घुघुती पक्षियों के झुण्ड अब भी गाँव के पास ये आवाज लगाते हुये सुने जाते
"काफल पाको, मैंल नि चाख्यो"(काफल पके, पर मैंने नहीं चखे)



बेडु पाको बारो मासा की धुन तो सुनी ही होगी आपने आमिर खान के कोकाकोला वाले बिज्ञापन में. साथ ही राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म विवाह में गाने की पहली लाईन में इसी धुन का प्रयोग किया गया है. जो उत्तराखंड के गायक गोपाल बाबू गोस्वामी द्वारा गाये इसी गाने की चर्चित धुन है.

ये लोकगीत कुछ इस तरह है....

बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैता मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैता मेरी छैला - २
भुण भुण दिन आयो -२ नरण बुझ तेरी मैता मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

आप खांछे पान सुपारी -२, नरण मैं भी लूँ छ बीड़ी मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैता मेरी छैला - २

अल्मोड़ा की नंदा देवी, नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैता मेरी छैला - २

Monday, June 23, 2008

चित्र पहेली-- क्या है ये.

*****चित्र पहेली-- क्या है ये. *****

जरा अपना बुद्धिकौशल तो दिखाईये...

Wednesday, June 18, 2008

जिन्दगी को खींचती जिन्दगी

*****जिन्दगी को खींचती जिन्दगी *****

समय से पहले मानसून आने से सभी खुश हैं. दिल्ली का 108 साल का रिकॉर्ड टूटा है तो वही सूखे की मार झेल रहे बुन्देलखण्ड के लोग खुशी मना रहे हैं.

दूसरी ओर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नगर पालिका की पोल खुल गई है. बारिश के कारण जहाँ दिल्ली में एक दम्पत्ति खुले गटर के मेन होल में चला जाता है वहीं मुंबई में सदी के महानायक अपनी कारों को बचाने के लिए एक होटल के गैराज़ की शरण लेते है.



वही दूसरी ओर देश का गरीब वहीं का वहीं है. जिसका कुछ नज़ारा इस तस्वीर में साफ नज़र आता है. जहाँ जिन्दगी जीने के लिए जिन्दगी को जिन्दगी खीच रही है।


फोटो आभार- हिन्दुस्तान टाइम्स

Tuesday, June 10, 2008

आदमी और चिम्पांजी

*****आदमी और चिम्पांजी *****

आदमी और चिम्पांजी मे बहुत सी समानता हैं। बैज्ञानिक कह भी चुके हैं और सिद्ध भी कर चुके हैं। आज हम भी कहते हैं अपने अंदाज मे। आप भी देखिये ।


Wednesday, May 21, 2008

चित्र पहेली--- ये क्या है.!!

*****चित्र पहेली--- ये क्या है।!!*****

इस चित्र में कुछ खास बात है।
क्या वाकई में ये वही है जो दिख रहा है!!



अब अपना बुद्धि कौशल तो दिखाईये ज़नाब।

Tuesday, May 20, 2008

चित्र पहेली— पहचान कौन!!

*****चित्र पहेली— पहचान कौन!!*****


ज़रा पहचानो तो सही...