Tuesday, July 15, 2008

ये वादियां ये हवाएं बुला रही हैं.....

*****ये वादियां ये हवाएं बुला रही हैं हमें *****








फूलों की धाटी (Valley of Flowers National Park) चमोली गढ़वाल, उत्तराखण्ड में 87.5 वर्ग किलोमीटर में फूलों से लदी प्रकृति की अनुपम भेंट है। यह स्थान बद्रीनाथ से लगभग 42 कि. मी. की दूरी पर स्थित है। पुष्पा नदी की धारा के समीप एवं रतनवन हिमशिखर क्षेत्र में स्थित इस विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी को सर्वप्रथम प्रसिद्ध पर्वतारोही फ्रेंक एस. स्मिथ ने सन् 1931 में कामेट शिखर के पर्वतारोहण के दौरान देखा एवं विस्तृत पुष्प उद्यान से उन्होंने अनगिनत फूलों का संकलन किया और फूलों की धाटी पर एक पुस्तक लिखी जो 1938 में "The Valley of Flowers” नाम से प्रकाशित हुई।
अपनी पुस्तक में फ्रेंक एस. स्मिथ ने लिखा है-
"I hope generously, my ignorance must judge for
myself whether the Bhyundar Valley deserves its title the Valley of Flowers.
Others will visit it, analyze it and probe it but, whatever their opinions, to
me it will remain the 'Valley of Flowers' a valley of peace and perfect beauty
where the human spirit may find repose".
यहा के एक फूल प्रिमुला के बारे में स्मिथ ने लिखा है-
"In all my mountain wanderings I had not seen a more
beautiful flower than this Primula. The fine rain drops clung to its soft petals
like galaxies of seed pearls and frosted its leaves with
silver”.


फूलों की घाटी गोविन्द घाट से 19 कि. मी. पैदल दूरी पर है। और बदरीनाथ से 25 कि.मी.की दूरी पर है। इस घाटी के पूर्व में गौरी पर्वत और रतनबन, पश्चिम में कुंतखाल, दक्षिण में सप्तश्रिंग और उत्तर में नीलगिरी पर्वत है। भ्युन्दर खाल के नजदीक तिप्रा ग्लेशियर से निकलने वाली नदी पुष्पावती नदी फूलों की घाटी से होते हुए घनगारिया के पास लक्ष्मण गंगा में मिलती है जो यहाँ से 12 कि.मी. दूर गोविन्दघाट में अलकनन्दा नदी में मिल जाती है।
घाटी में फूलों के खिलने का समय जुलाई-अगस्त महीने में है। यहाँ 300 से भी ज्यादा किस्म के फूल पाये जाते हैं। चमोली उत्तराचंल के समस्त शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। यह स्थान ऋषिकेश से लगभग 204 कि. मी. की दूरी पर है। यहाँ पर रात्रि विश्राम की सुविधा उपलब्ध नहीं है। पर घनगरिया, भ्युन्दर, पुलना और गोविन्दघाट में रहने के लिए रहने की उचित व्यवस्था है।

सड़क मार्ग से यहाँ दो तरीके से पहुँचा जा सकता है-
1.हल्द्वानी-रानीखेत-कर्णप्रयाग-जोशिमठ-गोविंदघाट (लगभग 332 कि.मी.)
2. ऋषिकेश-श्रीनगर- कर्णप्रयाग-जोशिमठ-गोविंदघाट (लगभग 270 कि.मी. हरिद्वार-बदरीनाथ राजमार्ग पर)
नजदीकी एयरपोर्ट जौली ग्रांट , देहरादून 319 कि.मी. पर है।
नज़दीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश 302 कि.मी. पर है।

2 comments:

Udan Tashtari said...

अरे वाह, क्या जगह है!!! बहुत आभार इन तस्वीरों और जानकारी के लिए.

राज भाटिय़ा said...

कया बात हे, चित्र देख कर बहुत अच्छा लगा, स्विट्अजर लेन्ड याद आगया,ओर जानकारी भी अच्छी लगी आप का धन्यवाद