Wednesday, May 14, 2008

कुछ सवाल एग्रीगेटरों से-- कृपया सुझाव दें

***** कुछ सवाल एग्रीगेटरों से-- कृपया सुझाव दें

पिछले साल नवंबर में मैंने अपना नया ब्लोग कुछ बोलती तस्वीरें शुरू किया था. जिसमें कुछ विशेष और अलग तरह की तस्वीरों का ब्लोग बनाने की कोशिश की . तब से लेकर अब तक लगभग 6 महिने बाद भी मेरा यह ब्लोग हिन्दी ब्लोगजगत के एग्रीगेटरों ब्लोगवाणी, नारद, चिट्ठाजगत, चिट्ठालोक आदि पर आज तक दिखायी नहीं दिया।

इस सम्बन्ध में मैंने नारद ,ब्लोगवाणी और चिट्ठाजगत में ई-मेल भी किये पर कोई उत्तर नहीं आया। जबकि नारद जी ने तो उद् धोषणा कर रखी है--
यह है बिना तामझाम वाला संकलक - न पंजीकरण की ज़रुरत और न ब्लॉग पर दावा सिद्ध करने की। एग्रीगेटर का काम है नवीन ब्लॉग पोस्ट की सूचना देना, तो वही कार्य हम करना चाहते हैं और तीव्र गति से करना चाहते हैं। आप ब्लॉग बनाए और बाकी हम पर छोड़ दें। नारद तीव्र के दरवाज़े हर हिन्दी ब्लॉग के लिए खुले है, जोड़ने घटाने के लिए किसी पत्राचार की आवश्यकता नहीं है। फिर भी यदि आपका हिन्दी ब्लॉग यहाँ नहीं दिख रहा है तो आप हमें sunonarad at gmail dot com पर ईमेल करें, यदि आपका ब्लॉग हिंदी में है तो हम उसे यहाँ दिखा देंगे।

ब्लोगवाणी के चिट्ठे पर मैंने इस सन्दर्भ में उनका ध्यान आकृस्ट करने के लिए इस बिषय पर टिप्पणी भी की थी। पर आज तक कुछ नहीं हुआ. अपनी इस बात की पुष्टि के लिए मैंने आज ही कुछ समय पहले अपने इस चिट्ठे में नई पोस्ट डाली है।

कुछ सवाल जो मेरी समझ में नहीं आये......
१. क्या इस चिट्ठे में कुछ अश्लील या आपत्तिजनक है जिस कारण यह एग्रीगेटरों में शामिल नहीं किया जा सकता??
२. क्या मेरा प्रस्तुतिकरण का तरीका गलत हैं??
3। क्या इसके लिए हाई प्रोफाईल जैक की जरूरत पड़ती है?? (जो मेरे पास नहीं है.)
4. क्या यह तानाशाही तो नहीं??
कृपया सुझाव दें...


6 comments:

Anonymous said...

ब्लागवाणी वाले तो फोटो ब्लाग संकलन नहीं करते।
नारद खुद ब्लाग संकलन नहीं करता बस चिठ्ठाजगत की फीड अपने यहां दिखाता है अगर चिठ्ठाजगत में ब्लाग जुड़ा हो तो नारद में भी अपने आप आ जायेगा इसलिये नारद को ईमेल भेजना ना भेजना एक बराबर है।

चिठ्ठाजगत इसलिये नहीं दिखा पारहा क्योंकि इसका हैंडिंग अंग्रेजी में है।

Udan Tashtari said...

बेनामी टिप्पणी तो सब कह गई. शायद आपके प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए हों.

Anonymous said...

anonymous जी मेरे ब्लोग की हैंडिंग हिन्दी और अंगरेजी दोनों में है. कृपया गौर करें.

Anonymous said...

why do you worry so much about aggrgators , do you want only few thousand readers to read your blog . add your blog to search engines , you can easily search google for "add website to google , yahoo " etc then add there
take help of google webmasters tools and analytics tools and promote your blog

PD said...

bilkul yahi bat mere naye blog ke sath bhi hua hai.. magar main fir bhi aashanvit hun.. main ab kisi dusare par dependent nahi hona chahta hun..
bhale hi iske liye mujhe english me hi likhna pare,,..
hindi meri apni bhaasha hai, magar english bhi parayi nahi hai.. aakhir yahi to vo bhaasha hai jo mujhe rojgaar de rahi hai aur degi..
(ye mera apna niji vichar hai, main koi bahas me nahi parna chahta hun..)

Anonymous said...

ब्लागवाणी वाले फोटो ब्लाग संकलन नहीं करते, वह चिठ्ठाजगत की फीड से अपने यहां फोटो ब्लाग दिखा रहे हैं जैसे कि छायाचित्रकार