नवरात्रि में इस बार ईद सेंवइयों की मिठास घोलेगी . 32 वर्ष बाद ईद और नवरात्रि एक साथ आ रही हैं जिससे पर्व का उल्लास और बढ़ गया है. आज चांद दिखने के बाद मुस्लिम समाज कल यानि रविवार को मीठी ईद मनाएगा .
शुक्रवार से नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. 32 साल पहले 1975 में 6-13 अक्टूबर की शारदीय नवरात्रि थी, इस दौरान 10 अक्टूबर को ईद आई थी . नवरात्रि के दौरान ईद का संयोग आने से हिंदू-मुस्लिम समाज के लोगों में खासा उत्साह रहता है. समाज में भाईचारे की अनूठी मिसाल देखने को मिलती है. नवरात्रि के दौरान ईद आना प्रकृति का आना प्रेम का संदेश है कि सभी आपस में मिलजुल कर रहें.
1974-75 में नवरात्रि-ईद आसपास आयी थी. 1974 में 16-24 अक्टूबर की शारदीय नवरात्रि थी, इसी दौरान ईद आई थी, इसके बाद 1975 में फिर से नवरात्रि-ईद साथ-साथ आयी थी. ईद में हर वर्ष 10-12 दिन घटते हैं. हर वर्ष ईद के दिनों में कमी होती है, इस वर्ष ईद आने के बाद जब अगले वर्ष ईद आएगी, उसमें 10-12 दिन कम हो जाएंगे.
नवरात्रि-ईद का साथ-साथ आना एक संयोग है. इससे बदलते समाज को एकसूत्र में पिरोने में सहयोग मिलता है. और भाईचारा बड़ता है. लेकिन रजनितिक दल इसे अपनी राजनीति में खलल मानते हैं तभी तो गुजरात में नरेन्द्र मोदी सरकार समाज के दो बड़े स्तम्भों को अलग-अलग बाटने की कोशिश करती रहती है. इसका सबसे बड़ा और ताजा उदाहरण मुस्लिम क्षेत्रों की सड़कों में लगे नाम पट्टियों (जिन पर शहर, इलाके, सड़कों आदि का नाम होता है) पर हरा रंग चड़ा दिया और इसे नवीनीकरण का नाम दिया गया. क्या धर्म और जाति के नाम पर राजनीति से देश को विकसित देश बनाया जा सकता है????
1 comment:
सुन्दर संगम है ईद और नव रात्रि का. शुभकामनायें.
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