टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता तीन साल के एक शोध प्रोजेक्ट के तहत ऐसे कंप्यूटर एप्लीकेशन्स तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं, जिनमें कंप्यूटर किसी भी व्यक्ति की दिमागी प्रतिक्रियाओं के मुताबिक व्यवहार करेंगे।
इस प्रोजेक्ट के तहत शोधकर्ता व्यक्ति के माथे पर एक बैंड लगाएंगे, जिसमें से लाइट निकलेगी। यह लाइट व्यक्ति के मस्तिष्कीय ऊतकों में जाकर दिमागी प्रतिक्रियाओं की जानकारी देगी। इस जानकारी का विश्लेषण करके कंप्यूटर स्क्रीन ले आउट ठीक करेगा।
प्रोजेक्ट के तहत लाइट का इस्तेमाल दिमाग में खून के बहाव का आंकलन करेगा, जिसके बाद दिमाग के ओवरलोड होने, कुठा या ध्यान भंग होने जैसी चीजों का अध्ययन किया जाएगा। मैसाचुसेट्स में मौजूद एक यूनिवर्सिटी मेडफोर्ड के शोधकर्ता और कंप्यूटर साइंस प्रोफेसर रॉबर्ट जैकब के मुताबिक कंप्यूटर दिमाग की प्रतिक्रियाओं से आंकड़ों का विश्लेषण करके अपने इंटरफेस को एडजस्ट करेगा।
अगर आपका वर्कलोड बढ़ रहा है, तो आपके कंप्यूटर का स्क्रीन उसके मुताबिक ठीक हो जाएगा। अगर किसी एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को थकान हो रही हो, तो कंप्यूटर दूसरे कंट्रोलर के लिए सिफारिश कर सकेगा।
आभार- दैनिक भास्कर
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