***** पर क्या तुम हो पाकिस्तानी? *****
जनता के राज में हो रहा ये कैसा काज क्यूँ हो रहा ये शोर राज राज राज
तुमको हिन्दी ना बोलने देंगे मराठी की जिद ना छोड़ेंगे जैसा बोलें वैसा करोगे वरना हमारा देश छोड़ोगे
ये देश हमारे बाप की बपौती बोलती है यहाँ अपनी तूती हम हैं बड़े ही हठी बोलो अब जय मराठी
जो हमारी बात ना मानी सुन लो सारे हिन्दुस्तानी हिन्दी होगी जानी मानी पर हमको है इससे परेशानी
रे मूर्ख, हिन्दी तो है जानी मानी अपनी तो है यही निशानी गर्व है हम हैं हिन्दुस्तानी पर क्या तुम हो पाकिस्तानी?
हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा मराठी से नहीं कोई निराशा भाषाएं यहाँ हैं अनेक पर मेरा भारत तो है एक
मत तोड़ो इस देश को अपने राजनीति के अखाड़े में भाषा,जाति और क्षेत्र अंधियारे में बहुत कुछ खोया है हमने इसे पाने में
8 comments:
बहुत अच्छी कविता है। अच्छा लगा आपके ब्लाग को पढ़ना।
झकास बोले तो ...अपुन तो वैसे ही डर रहा है की कही मुबई एअरपोर्ट पे टैक्सी वाले से हिन्दी में जाने का रास्ता पूछ लिया ओर राज भाई ने देख लिया तो........?
बहुत सुन्दर कविता,
धन्यवाद
अच्छी रचना है. सच पूछिए तो मुझे तो जया जी की बात में मराठी का कोई अपमान नजर नहीं आया, पर अगर इन नेताओं को कोई बहाना ही चाहिए अपनी नेतागिरी चमकाने का तो फ़िर कोई कुछ भी कहे यह लोग कुछ न कुछ तलाश ही लेंगे उस में नफरत फैलाने को.
बहुत सुन्दर और प्रेरणादायक कविता,
धन्यवाद!
बस एक ही बात कहुंगी बहुत खूब
ऐसा लगा मेरी दिल की बात आप ने लिख दी।
हमे गर्व है कि हम हैं हिन्दुस्तानी
bahut hi satek vyangy.
राज ठाकरे की समस्या अलग है. वह अपनी लकीर तो बडी नहीं कर सका, तो जैसा कि हर नेता करता है, उसनें दूसरों की लकीर छोटी करना चाही, या मिटा ही देना चाही.
राज ठाकरे पर मेरा पोस्ट पढें -
गुड्डी, महानायक और मराठी माणूस-
www.amoghkawathekar.blogspot.com
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