Friday, October 19, 2007

चोरी मोबाइल का पता बताएगी वेबसाइट

लगभग 6 महिने पहले मेरा मोबाइल चोरी हो गया. बहुत खोजबीन के बाद भी जब मोबाइल नहीं मिला तो पोलिस स्टेशन रिपोर्ट लिखाने गया. वहाँ मुझसे आईएमईआई (IMEI) नम्बर मांगा गया जो मेरे पास नहीं था (वैसे में ऐसी स्थिति के लिए कभी तैयार नहीं था). इसलिए मात्र खानापूर्ति करते हुए मैं वापस आ गया. आमतौर पर चोरी गए मोबाइल का पता लगाना काफी मुश्किल काम होता है, लेकिन ठाणे, मुम्बई के दो युवकों ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसे मोबाइल में लोड करने पर यह पता लग सकेगा कि चुराया गया मोबाइल कहां है और उसमें कब नया सिम कार्ड डाला गया है.

इन युवकों ने एक वेबसाइट डब्लू डब्लू डब्लू डॉट सेलसेफइंडिया डॉट कॉम (www.cellsefeindia.com) बनाई है, जिसमें आप अपने मोबाइल का इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर और अन्य जानकारियां दर्ज करवाकर चोरी गए मोबाइल का पता लगा सकते हैं. ठाणे के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभय पारसनिस और निरंजन भोसले द्वारा बनाई गई यह वेबसाइट दुनिया भर में लोकप्रिय हो चुकी है.

आईएमईआई का महत्व हर मोबाइल पर अंकित आईएमईआई नंबर आमतौर पर लोगों को मालूम नहीं होता. मोबाइल के चोरी चले जाने पर लोग पुलिस को उसका आईएमईआई नंबर नहीं बता पाते, जिससे उसकी लोकेशन बता पाना संभव नहीं होता.

कैसे काम करती है वेबसाइट
चोरी गए मोबाइल को किसी दूसरे सिम कार्ड से चालू करते ही आईएमईआई नंबर की बदौलत वह बेवसाइट की पकड़ में आ जाता है. इसके लिए हैंडसेट में एक सॉफ्टवेयर लोड कराना होता है, साथ ही सेलफोन मालिक को वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन भी करवाना होता है. इसके लिए जेब हल्की करनी पड़ती है. इसकी तीन साल की रजिस्ट्रेशन फीस 300 रुपए आती है. हालांकि वेबसाइट की अभी आधिकारिक तौर पर लांचिंग नहीं हुई है, मगर पिछले 10 दिनों में 59275 से अधिक लोग इस पर विजिट कर चुके हैं.

No comments: