*****अभी तो हुई है ये शुरुवात*****
अगस्त 2008 का महिना हुई दो बड़ी घटना लगा सूर्य को ग्रहण हुआ चन्द्र को ग्रहण
अगस्त 2008 का महिना ज्ञानी कह गये कहानी अब तो आने वाली है परेशानी जान लो ये है चेतावनी
घटी दुर्घटनाएं घट-घट में कभी जम्मू तो कभी बिहार, बंगाल में
अभी तो हुई है ये शुरुवात होंगे कई नए आघात शनि भी लगाए वक्र दृष्टि जाने क्या होगा हे सृष्टि
यह नहीं कोई देवीय कोप है यह मानव की ही रोप अब चलेगा सरकार का बहाना होगा बिचौलियों का भी आना जाना
विकाश की दौड़ में क्यूँ रहा मुझे ठेल बना दिया तूने मुझको भी रेल अभी तो होंगे और भी कई खेल हे मानव अब अपनी करनी झेल
- कामोद
3 comments:
कामोद जी बहुत ही अच्छा और सच्चा लिखा है।
कमोद जी आप ने तो कविता के रुप मे भविष्या बाणी कर दी. धन्यवाद
@ प्रीति जी धन्यवाद.
@राज जी,ये भविष्यवाणी नहीं सच्चाई है. आखिर प्रकृति से छेड़छाड़ करने का असर तो कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में होगा ही. आखिर अति का नाम ही तो इति है.
Post a Comment