Tuesday, May 27, 2008

नई ब्लोगवाणी के साथ कुछ अनुभव

अपनी व्यस्तता के कारण कल यहाँ आना नहीं हो पाया. आज जैसे ही ब्लोगवाणी खोला तो कुछ अलग सा लगा. अपने पर शक होने लगा कहीं गलत तो पता तो नहीं दे दिया!!. जब सब देखा तो पता चला मैं तो सही हूँ और ब्लोगवाणी ही बदल गया है.

एक नये अंदाज़ में नई ताज़गी सा लगा. बहुत कुछ बदल गया. कुछ नये परिवर्तन भी किये हैं।

लॉग इन/पासवर्ड नया फीचर जोड़ा गया है। पर इसके लिए लॉग इन/ पासवर्ड कोन सा होगा ??? क्या इसके लिए सदस्य बनना अनिवार्य शर्त है??

आधिक टिपियाए गये चिट्ठों के लिए नयी जगह दी है। अछ्छा लगा.

प्रथम पृष्ट पर प्रविष्टि संख्या के विकल्प से एक साथ कई चिटठों को देखने, समझने में ज्यादा समय नहीं लगाना पडेगा।

अन्य प्रविष्टियां में एक साथ पिछली १० प्रवष्टियों को देख पाना अछ्छा अनुभव लगा. साथ ही पिछले पोस्टों की पसंद ,पढ़े गये और टिपियाए जाने की संक्षिप्त जानकारी मिल पाना अच्छा अनुभव रहा.
साथ ही टिप्प्णी में भी कुछ ऐसा ही अनुभव रहा.

रंगों के चयन के साथ ही प्रस्तुतिकरण अछ्छा बन पड़ा है. बधाईयाँ लेते जाईये गुरु ब्लोगवाणी.

1 comment:

Udan Tashtari said...

सत्य वचन. मेरा भी साधुवाद ब्लॉगवाणी को और ढेरों शुभकामनाऐं.