Sunday, May 2, 2010

यादें बस यादें रह जाती हैं


वो स्कूल की सीड़ी पर प्यार भरी बातें,
आते जातों पर कमेंट की बरसातें,
वो स्लेबस की टेन्सन, वो इक्ज़ाम की रातें
वो कैंट्टीन की पार्टी, वो बर्थडे की लातें
वो रूठना मनाना, वो बंक वो मुलाकातें
वो लैब वो लाइब्रेरी,
वो सोना टैम्प्रेरी
वो मूवी वो म्युजिक
वो कार्ड के मैजिक
वो प्रपोज़ल की प्लानिंग में रात का गुजरना
हर एक को दोस्त की भाभी बताना
लैक्चर से ज्यादा उसको निहारना
फिर क्लास में पीछे की सीट में सोना
उसकी नज़र में शरीफ़ बनाया जाना
ना रहे वो दिन ना रही वो रातें
ना रही वो वो हँसी भरी मुलाकातें
रही अगर कुछ तो बस यादें

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर, पुराने यादे ताज़ा कर दी

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  2. school ke din bhi kya din the...sundar

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  3. बहुत सुंदर जी पुराने दिन याद दिया दिये.... धन्यवाद

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  4. यही यादें तो फिर गुदगुदाती हैं. :)

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  5. कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें।

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  6. कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें।

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  7. BAHUT KHUB

    BADHAI AAP KO IS KE LIYE

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