Thursday, May 29, 2008

अपना हाथ जगन्नाथ

*****अपना हाथ जगन्नाथ*****


आपने अक्सर लोगों को ये जुमला कहते सुना होगा 'अपना हाथ जगन्नाथ '। अरे अरे रुको तो सही। कहीं आप इसका ग़लत मतलब तो नहीं निकाल रहे । मैं यहाँ ऐसा कुछ नहीं कह रहा हूँ । दरसल कुछ लोग बाएँ हाथ से काम करना पसंद करते हैं और कुछ दायें हाथ से. पर कभी सोचा है कि ऐसा क्यूँ होता है.?
हमारा मस्तिष्क बाएँ और दाएँ दो भागों में बंटा हुआ है और बांया हिस्सा दाएँ की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली है और हमारे शरीर का नियंत्रण करता है. मस्तिष्क से नाड़ियां शरीर के अलग अलग हिस्सों में जाती हैं और शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं. बाएँ हिस्से से निकलने वाली नाड़ियां गरदन पर आकर शरीर के दाएँ हिस्से में चली जाती हैं जबकि दाएँ हिस्से से आने वाली नाड़ियां शरीर के बाएँ भाग में. यानी शरीर के विभिन्न अंग मस्तिष्क के विपरीत हिस्सों से जुड़े होते हैं.

आमतौर पर लोगों के मस्तिष्क का बायाँ हिस्सा अधिक शक्तिशाली होता है लेकिन कुछ लोगों में दायाँ हिस्सा ज़्यादा प्रमुख रहता है और ऐसे लोग बाएँ हाथ से काम करते हैं. दुनिया में लगभग चार प्रतिशत लोग बाएँ हाथ से काम करते हैं. पर इन चार प्रतिशत में बहुत से नामी गिरामी हस्तियाँ हैं जैसे अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी और बिल क्लिंटन, महारानी विक्टोरिया, वैज्ञानिक और कलाकार लियोनार्डो डा विंची, फ़िल्म निर्देशक और हास्य कलाकार चार्ली चैपलिन, क्यूबा के राष्ट्रपति फ़िदेल कास्त्रो, अभिनेता अमिताभ बच्चन और क्रिकेटर सौरव गांगुली......
अब क्या कहते हैं आप !!

2 comments:

  1. जी, शरमाते हुए बताना चाहता हूँ कि आप मेरा नाम भी उपरोक्त तालिका में जोड़ सकते हैं. :) मैं भी बायें हाथ से खात, लिखता हूँ.

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  2. जय जगन्नाथ.
    बढ़िया शोधपरक पोस्ट.

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