तीन शेरों को हुई उम्रकैद, पूरी जिंदगी चिड़ियाघर में काटनी होगी
गुजरात के तीन शेरों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इन सभी शेरों को अपनी कैद चिड़िया घर में काटनी होगी। इन तीन शेरों समेत कुल 18 शेरों पर आरोप था कि इन्होंने गुजरात की गिर पशुविहार के पास तीन लोगों की जान ले ली है। उन तीनों लोगों की मौत अलग-अलग वक्त पर हुई थी। आरोपी शेरों का पता लगाने के लिए इन 18 शेरों के पंजों और मल की जांच की गई थी।
जूनागढ़ प्रभाग के मुख्य वन संरक्षक ए पी सिंह ने बताया कि लगभग 25 दिन के विश्लेषण के बाद एक वयस्क नर और दो अर्ध-वयस्क मादा शेरों की पहचान आदमखोर के रूप में हुई, जिन्होंने स्थानीय लोगों को मारा था और उनके मल मूत्र में इंसान के अवशेष पाये गये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों द्वारा पिछले महीने पकड़े गये 17 शेरों में से लगता है कि एक नर वयस्क ने ही लोगों को मारा था। हम लोगों ने उसके मल में बहुत अधिक मात्रा में इंसानी अवशेष पाया जबकि दो अर्ध वयस्क मादा में बहुत कम मात्रा में इंसानी अवशेष पाया गया।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हम लोग इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि नर शेर ने हमला किया, इंसानों को मारा और खाया जबकि अर्ध-वयस्कों ने केवल बचे हुए शरीर को खाया। ये अर्ध-वयस्क इंसानों पर हमला करने और उनको मारने में शामिल नहीं थे क्योंकि उन्होंने सिर्फ बचे हुए हिस्से खाये थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब नर शेर को जूनागढ़ शहर के बाहर सक्करबाग चिड़ियाघर में आजीवन रखा जायेगा, जबकि दो शेरनियों को वन विभाग के किसी भी बचाव केन्द्र में बंद रखा जायेगा।’’ अन्य 14 शेरों को गिर अभयारण्य में छोड़ दिया जायेगा।
गुजरात के तीन शेरों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इन सभी शेरों को अपनी कैद चिड़िया घर में काटनी होगी। इन तीन शेरों समेत कुल 18 शेरों पर आरोप था कि इन्होंने गुजरात की गिर पशुविहार के पास तीन लोगों की जान ले ली है। उन तीनों लोगों की मौत अलग-अलग वक्त पर हुई थी। आरोपी शेरों का पता लगाने के लिए इन 18 शेरों के पंजों और मल की जांच की गई थी।
जूनागढ़ प्रभाग के मुख्य वन संरक्षक ए पी सिंह ने बताया कि लगभग 25 दिन के विश्लेषण के बाद एक वयस्क नर और दो अर्ध-वयस्क मादा शेरों की पहचान आदमखोर के रूप में हुई, जिन्होंने स्थानीय लोगों को मारा था और उनके मल मूत्र में इंसान के अवशेष पाये गये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों द्वारा पिछले महीने पकड़े गये 17 शेरों में से लगता है कि एक नर वयस्क ने ही लोगों को मारा था। हम लोगों ने उसके मल में बहुत अधिक मात्रा में इंसानी अवशेष पाया जबकि दो अर्ध वयस्क मादा में बहुत कम मात्रा में इंसानी अवशेष पाया गया।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हम लोग इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि नर शेर ने हमला किया, इंसानों को मारा और खाया जबकि अर्ध-वयस्कों ने केवल बचे हुए शरीर को खाया। ये अर्ध-वयस्क इंसानों पर हमला करने और उनको मारने में शामिल नहीं थे क्योंकि उन्होंने सिर्फ बचे हुए हिस्से खाये थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब नर शेर को जूनागढ़ शहर के बाहर सक्करबाग चिड़ियाघर में आजीवन रखा जायेगा, जबकि दो शेरनियों को वन विभाग के किसी भी बचाव केन्द्र में बंद रखा जायेगा।’’ अन्य 14 शेरों को गिर अभयारण्य में छोड़ दिया जायेगा।